जो
नित्य एवं स्थाई प्रतीत होता है, वह भी विनाशी है। जो महान प्रतीत होता
है, उसका भी पतन है। जहाँ संयोग है वहाँ विनाश भी है। जहाँ जन्म है वहाँ
मरण भी है। ऐसे सारस्वत सच विचारों को आत्मसात करते हुए महात्मा बुद्ध ने
बौद्ध धर्म की स्थापना की जो विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है।